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property news : क्या दहेज देने के बाद बेटी का पिता की संपत्ति में कोई रह जाता है हक? जानिए क्या कहता है कानून

inheritance news:शादी के समय बेटी को दहेज देने के बाद बेटी का पिता की संपत्ति में हक रहता है, इसका मतलब ये हुआ कि अगर बेटी को शादी के समय दहेज दिया गया है, तो भी वो परिवार की संपत्ति पर अधिकार मांग सकती है।"हाल ही में एक मामले में सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच ने ये बात कही।

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property news : क्या दहेज देने के बाद बेटी का पिता की संपत्ति में कोई रह जाता है हक? जानिए क्या कहता है कानून

hrnewshub digitaldesk: मुंबई हाई कोर्ट में पिता की संपत्ति मेरी बेटी के हक को लेकर एक बड़ा फैसला आया है, हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि शादी के समय दहेज देने पर भी बेटी का पारिवारिक संपत्ति (household wealth) का अधिकार समाप्त नहीं होगा, लिए नीचे खबर में पढ़ते हैं, क्या है पूरा मामला

कोर्ट में जज के द्वारा क्या कहा गया:

मुंबई हाई कोर्ट के जज न्यायमूर्ति (MS Sonic) एमएस सोनक ने कहा कि भले ही यह मान लिया जाए कि बेटियों को कुछ दहेज दिया गया था, इसका मतलब यह नहीं है कि बेटियों का पारिवारिक संपत्ति में कोई अधिकार नहीं रह जाता है। जज ने कहा बेटी के अधिकार को इस तरह समाप्त नहीं किया जा सकता,जिस तरह से वे पिता की मृत्यु के बाद भाइयों द्वारा किया गया है। अदालत ने कहा कि घर की बेटियों को पर्याप्त दहेज प्रदान करने के बारे में कोई सबूत नहीं है और यह निष्कर्ष निकाला कि बहनों को बाहर करने के लिए भाइयों द्वारा संयुक्त परिवार की संपत्ति हड़प ली जा रही थी।न्यायमूर्ति एमएस सोनक ने बेटी के हिस्से की संपत्ति को उसकी सहमति के बिना उसके भाइयों को हस्तांतरित करने के डीड (deed of transfer) को भी रद्द कर दिया।


  
आईए पूरा मामला जाने: ये मामला परिवार की संपत्ति के बंटवारे से जुड़ा हुआ है। दरअसल, चार बहनों -चार भाइयों और मां से जुड़ा है। बड़ी बेटी ने याचिका दायर करके एक डीड का हवाला दिया था। जिसमें बेटी के दिवंगत पिता ने बेटी को संपत्ति का उत्तराधिकार (inheritance) घोषित किया था। इस याचिका में 8 सितंबर, 1990 की एक दूसरी डीड का भी जिक्र किया गया था। इसमें मां ने परिवार की एक दुकान को भाइयों के नाम ट्रांसफर कर दिया था। याचिका में इस डीड को रद्द करने की मांग की गई थी। ये भी मांग की गई थी कि दुकान को उसकी सहमति के बिना भाइयों में ट्रांसफर ना किया जाए।

कोर्ट में जज के आगे भाईयों ने क्या दलील दी: कोर्ट में भाईयों ने बहस कहा कि, सभी चार बहनों को शादी के समय पर्याप्त दहेज दिया जा चुका था.  ऐसे में याचिका कर्ता और तीनों बहनों का न तो दुकान और न ही परिवार की किसी संपत्ति पर अधिकार है,उन्होंने डीड ऑफ सक्सेशन (deed of succession) को चुनौती देते हुए एक काउंटर क्लेम दायर किया (filed a counter claim)। हालांकि अदालत ने इस दलील को खारिज कर दिया।

भाई द्वारा बहनों की संपत्ति छीनने की कोशिश:  जज को सबूतों से पता चलता है,कि बहनों को बाहर करने के लिए संयुक्त परिवार की संपत्ति को भाई द्वारा विशेष रूप से छीन लिया गया था,केवल इसलिए कि बहनों में से एक का भाइयों के पक्ष में बयान देने का मतलब यह नहीं है कि पारिवारिक व्यवस्था या मौखिक विभाजन (family arrangement or oral division) का मामला कानूनी रूप से निपट गया। घर की बेटियों को पर्याप्त दहेज देने के बारे में कोई सबूत नहीं है, इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच ने पुर्तगाली नागरिक संहिता (portuguese civil code) के आर्टिकल 1867, 2184, 1565, 2177, 2016 पर मामले की जांच की, और इस मामले में, परिसीमा अधिनियम 1963 के अनुच्छेद 59 के प्रावधानों के मुताबिक किसी भी संपत्ति के ट्रांसफर को रद्द करने की अवधि तीन साल हैं।