Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि की हो चुकी है शुरुआत, पहले दिन करें इस तरह उपासना
hrnewshub, digital desk : हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व (chaitra navratri 2024) है। एक वर्ष में कुल चार नवरात्रि आती है, पहला चैत्र नवरात्रि, दूसरा शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि। हिंदू पंचांग के अनुसार (According to Hindu calendar) चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि आरंभ हो जाती है। आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना (Kalash installation on Chaitra Navratri) के लिए शुभ मुहूर्त कब रहेगा, पूजा विधि और नवरात्रि के बारे में सबकुछ....
नवरात्रि में पहले दिन (first day of navratri) :
देवी शैलपुत्री की उपासना की जाती है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इस देवी को शैलपुत्री कहा जाता है। पूर्वजों की मान्यताओं के अनुसार (According to the beliefs of ancestors) शैलपुत्री का नाम सती था और यह भगवान शिव की पत्नी थी। सती के पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान (Insult of Lord Shiva) कर दिया था और तब सती ने अपने आप को यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया था। और अगले जन्म में यही सती शैलपुत्री स्वरूप में प्रकट हुई और भगवान शिव से फिर से शादी कर ली।
पहले दिन की पूजा विधि:
मां शैलपुत्री के चित्र (pictures of mother shailputri) को लकड़ी के पटरी पर या लाल या सफेद वस्त्र पर बेचकर स्थापित करें। मां शैलपुत्री को सफेद वस्तु अति प्रिय है इसलिए मां शैलपुत्री को सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पण करें और सफेद बर्फी का भोग लगाए। मां शैलपुत्री के सामने की का दीपक जलाएं और एक सफेद आसन पर उत्तर दिशा में मुंह करके बैठे। जिस मां देवी प्रसन्न होगी और आप पर मा देवी की अति कृपा (Mother Goddess's great grace) होगी।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन रेवती नक्षत्र सुबह से लेकर सुबह 07: 32 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से अश्विनी नक्षत्र सुबह 07:32 मिनट से अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 05:06 मिनट तक रहेगा।