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Chaitra Navratri 2024 day 2: चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन, शुभ मुहूर्त में करें इस कथा का पाठ, पूजा होगी संपन्न

Chaitra Navratri 2024: चैत्र महीने के नवरात्रि(Navratri of Chaitra month) दिनों की शुरुआत हो चुकी है और आज 10 अप्रैल दिन बुधवार और दूसरा नवरात्रा है, देशभर में इन नवरात्रों का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, और भगत इनका बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं, चलिए जानते हैं दूसरे दिन के नवरात्रों में मां ब्रह्मचारिणी की कथा....
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Chaitra Navratri 2024 day 2: चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन, शुभ मुहूर्त में करें, इस कथा का पाठ, पूजा होगी संपन्न

hrnewshub digitaldesk: आज के दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं, आज चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि, विष्कम्भ और प्रीति योग, भरणी नक्षत्र है, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के बाद व्यक्ति अपने कार्यों में सफल होते है, हर दुख की घड़ी में उसे हौसला और हिम्मत मिलती है,(Grace of Mother Brahmacharini)मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से उस व्यक्ति को जप, तप, त्याग और संयम आदि की प्राप्ति होती है, आईए नीचे खबर में जाने(Mother Brahmacharini's offerings) मां ब्रह्मचारिणी के भोग, मंत्र और पूजा विधि के बारे में....

कथा मां ब्रह्मचारिणी की(katha maa brahmachaarinee ki):

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं, इन नवरात्रों में मां की नौ रूपों में पूजा की जाती है और 9 दिन ही यह पूजा चलती है, सनातन धर्म के अनुसार, नवरात्र के दौरान में विधिपूर्वक देवी के नौ रूपों की पूजा करने से साधक को सुख और शांति मिलती है। चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है,‌ (scriptures of hinduism)हिंदू धर्म के शास्त्रों अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने राजा (Himalaya's daughter)हिमालय की बेटी के रूप में जन्म लिया था, जिन्हें मां पार्वती के नाम से जाना जाता है। उन्होंने अपना घर छोड़कर देवों के देव महादेव को पति के रूप में पाने के लिए जीवन में अधिक तपस्या की। पहले एक हजार वर्षों तक वो फल, फूल खाकर जीवित रही।  इस बीच अन और जल का त्याग कर दिया और एक हजार साल और उपासना की, देवी पार्वती के समर्पण को देखने के बाद सभी (Gods and Saptarishis)देवताओं और सप्तर्षियों ने उन्हें भगवान शिव से शादी करने का आशीर्वाद दिया और उनका नाम पार्वती से बदलकर अपर्णा रखा।

चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त(Chaitra Navratri auspicious time):


लाभ-उन्नति मुहूर्त: 06:01 एएम से 07:36 एएम तक।
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 07:36 एएम से 09:12 एएम तक।
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 10:47 एएम से 12:22 पीएम तक।
चर-सामान्य मुहूर्त: 03:33 पीएम से 05:09 पीएम तक।
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 05:09 पीएम से 06:44 पीएम तक।


पूजा विधि(Mother Brahmacharini method of worship):


मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय सफेद वस्त्र धारण करें या फिर पीले वस्त्र भी पहन सकते हैं,(White object offered to Mother Brahmacharini) मां ब्रह्मचारिणी को सफेद वस्तु अर्पित करें,जैसे- मिसरी और शक्कर ।
इसके बाद आप ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र जाप कर सकते हैं. वैसे मां ब्रह्मचारिणी के लिए "ॐ ऐं नमः" का जाप करें।

आरती मां ब्रह्मचारिणी की(Aarti of Maa Brahmacharini):

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।

ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।

कमी कोई रहने न पाए। कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने। जो तेरी महिमा को जाने।

रुद्राक्ष की माला ले कर। जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना।

ब्रह्माचारिणी तेरो नाम। पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी। रखना लाज मेरी महतारी।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता, जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।