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Success Story : खाते-खाते आया बिजनेस करने का आइडिया, अब खड़ा कर दिया 300 करोड़ का कारोबार

Success Story : सफलता की कहानी तो अपनी खूबसूरती नहीं होंगे लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं वह कहानी बड़े कमालकी है। हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे इंसान के बारे में जिसे आइसक्रीम खरीदते वक्त आया बिजनेस का आईडिया (business idea) और इस आईडिया के बेस पर अब खड़ा कर दिया 300 करोड़ का कारोबार।
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Success Story : खाते-खाते आया बिजनेस करने का आइडिया, अब खड़ा कर दिया 300 करोड़ का कारोबार

hrnewshub digitaldesk:  कहते हैं सफलता क‍िसी की मोहताज नहीं होती। बस इसके लिए जरूरत होती है आपकी लगन और दुन‍िया से कुछ अलग करने की। आपने एक बार ऐसा क‍िया तो न‍िश्‍च‍ित ही कामयाबी आपके कदम चूमेगी। एक व्‍यक्‍त‍ि की सफलता (individual success) उसकी आने वाली पीढ़‍ियों की द‍िशा और दशा दोनों तय करती है।
यहां हम आपको एक ऐसे शख्‍स की सफलता की कहानी (man's success story) बता रहे हैं जो खुद गरीब घर में पैदा हुआ लेक‍िन उसने आने वाली पीढ़‍ियों के लिए कामयाबी की इबारत ल‍िख दी और खड़ा कर द‍िया अरबों का साम्राज्‍य (empire of arabs)


कौन है यह शख्‍स-


हम ज‍िस शख्‍स की बात कर रहे हैं उनका नाम है रघुनंदन श्रीनिवास कामत (RS Kamath)। कर्नाटक में पैदा हुए कामत का जन्‍म गरीब पर‍िवार में हुआ। इसके बावजूद उन्‍होंने ह‍िम्‍मत नहीं हारी और अपनी मेहनत व लगन के दम पर अरबों रुपये का साम्राज्‍य खड़ा कर द‍िया। उनके पिता फल और लकड़ियां बेचकर 7 बच्चों का पेट पालते थे। कामत बड़े होने पर पर‍िवार की ज‍िम्‍मेदार‍ियां उठाने के लिए भाईयों के साथ मुंबई चले गए।


1983 में हुई शादी-


यहां गोकुल नाम से ढाबा चला रहे कामत के भाईयों ने उन्‍हें भी वहीं काम पर लगा लिया। ढाबे पर ग्राहकों को आइसक्रीम खरीदते देखकर कामत के मन में एक द‍िन कुछ अलग करने का व‍िचार आया। धीरे-धीरे वह इस पर सोचने लगे। इसी बीच 1983 में उनकी शादी हो गई। मैच्‍योर होने पर उन्‍होंने आइसक्रीम का बिजनेस (ice cream business) शुरू करने का न‍िर्णय ल‍िया। हालांक‍ि यह उनके ल‍िए जोख‍िम भरा कदम था क्‍योंक‍ि उनकी माली हालत बहुत अच्‍छी नहीं थी।


साल 1984 फरवरी का वो द‍िन-


इसके बाद उन्‍होंने 14 फरवरी 1984 को जूहू में Naturals Ice Cream Mumbai के नाम से आउटलेट की शुरुआत की। उनकी आइसक्रीम की खास‍ियत थी क‍ि उसका टेस्‍ट एकदम नेचुरल था। लेक‍िन उनके आइसक्रीम पार्लर (ice cream parlor) पर ज्‍यादा लोग नहीं आते थे। वो इसको लेकर काफी च‍िंत‍ित भी रहते थे और लगातार ब‍िजनेस को बढ़ाने के बारे में सोचते रहते।


इस एक ट्र‍िक ने क‍िया कमाल-


ब‍िजनेस को आगे बढ़ाने और अपनी आइसक्रीम को ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए कामत ने आइसक्रीम के साथ मसालेदार पाव भाजी का काम (spicy pav bhaji recipe) शुरू कर दिया। अब पावभाजी खाने के लिए आने वाले लोग तीखा खाकर कामत की ठंडी और मीठी आइसक्रीम खाते। यही से धीरे-धीरे उनकी आइसक्रीम को असली पहचान (real identity of ice cream) मिलने लगी।


शुरू में ये फ्लेवर क‍िये तैयार-


शुरुआत में कामत ने फल, दूध और चीनी के साथ आम, चॉकलेट, सीताफल, काजू और स्ट्रॉबेरी के फ्लेवर वाली आइसक्रीम बनाई। उनकी आइस्‍क्रीम में क‍िसी तरह की म‍िलावट नहीं थी, इस कारण धीरे-धीरे लोगों का व‍िश्‍वास उन पर बढ़ गया। बाद में उन्‍होंने यहां पर पाव भाजी बेचनी बंद कर दी और नेचुरल के आइसक्रीम पार्लर को जारी रखा।


आज 300 करोड़ का कारोबार-


कामत की कंपनी नेचुरल आइस्‍क्रीम (Natural ice cream) ने आज पूरे देश में पहचान बना ली है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार आज पूरे देश में उनके 135 आउटलेट हैं। 5 फ्लेवर्स से शुरू हुई ये आइस्‍क्रीम कंपनी आज 20 फ्लेवर्स की आइसक्रीम लोगों तक पहुंचा रही है।