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India export: मालदीव के बुरे समय में भारत ने बढ़ाया हाथ, भेजेगा चावल, गेहूं और चीनी

India and Maldives trade: मालदीव के इस बुरे समय में मांगी भारत से मदद,भारत से कई जरूरी चीजें भेजने का अनुरोध किया था, भारत सरकार ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और निर्यात की मंजूरी दे दी है...

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India export: मालदीव के बुरे समय में भारत ने बढ़ाया हाथ, भेजेगा चावल, गेहूं और चीनी  

hrnewshub digitaldesk: (India and Maldives) भारत और मालदीव के संबंधों में खटास आने के बाद भी मदद करेगा भारत सरकार ने मालदीव को चावल और गेहूं समेत कुछ जरूरी कमॉडिटीज का निर्यात करने की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी संबंधित (export of commodities) कमॉडिटीज के निर्यात पर लगी रोक के बाद भी दी गई है, आइए खबर में जानते है इसके बारे में विस्तार से।

भारत सरकार का ब्यान(Indian Government statement): भारत सरकार ने मालदीव की सरकार के अनुरोध पर 2024-25 में इन कमॉडिटीज के निर्यात की मंजूरी दी। यह निर्यात बाइलैटरल मैकेनिज्म के तहत होगा। उच्चायोग के अनुसार, इन कमॉडिटीज की जितनी मात्रा के निर्यात को मंजूर किया गया है। वह 1981 में (Existence of bilateral mechanism) बाइलैटरल मैकेनिज्म के अस्तित्व में आने के बाद से सबसे ज्यादा है।

मालदीव को दी इतनी चीजों की मदद: (Government of India approved) भारत सरकार ने मंजूरी के अनुसार, 2024-25 के दौरान मालदीव को भारत से 35,749 टन प्याज और 64,494 टन चीनी की आपूर्ति मिलेगी। इसी तरह भारत की ओर से मालदीव को 1 लाख 24 हजार 218 टन चावल और 1 लाख 9 हजार 162 टन गेहूं की भी आपूर्ति की जाएगी। इनके अलावा (Maldives to India) मालदीव को भारत 10-10 लाख टन रिवर सैंड और (stone aggregates) स्टोन एग्रीगेट्स की भी आपूर्ति करेगा ।

 

मालदीव: मालदीव गणराज्य, (Indian Ocean) हिन्द महासागर में स्थित एक द्वीप देश है, 1796 में अंग्रेजों द्वारा सीलोन पर कब्ज़ा करने के बाद, मालदीव एक ब्रिटिश संरक्षित राज्य बन गया। मालदीव ने 1965 में ब्रिटिशों से पूर्ण राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त की और 1968 में खुद को एक गणतंत्र के रूप में स्थापित किया। मालदीव का 2008 का (maldives constitution islam) संविधान इस्लाम को राजकीय धर्म के रूप में नामित करता है ।