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Income Tax Rule: अगर आपका भी बैंक में सेविंग अकाउंट है तो आपको भी देना होगा टैक्स, जानिए इनकम टैक्स का यह नियम

saving account: बैंक अकाउंट दो प्रकार के होते हैं सेविंग अकाउंट(saving account) और करंट अकाउंट(current account)। आज भारत के लगभग हर एक व्यक्ति के पास अपना खुद का बैंक अकाउंट है और ज्यादातर लोग खुद का सेविंग अकाउंट ही खुलवाते हैं क्योंकि इस पर आपको आपके खाते में जमा राशि के ऊपर ब्याज मिलता है लेकिन अब आपको आपके सेविंग अकाउंट में जमा राशि के ऊपर भी टैक्स देना होगा आईए जानते हैं इसके बारे में....
 
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Income Tax Rule: अगर आपका भी बैंक में सेविंग अकाउंट है तो आपको भी देना होगा टैक्स, जानिए इनकम टैक्स का यह नियम

hrnewshub, digital desk : जैसा कि हम जानते ही हैं कि बैंक  अकाउंट दो प्रकार के होते हैं सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट, सेविंग अकाउंट वह होता है जिसमें आपको आपकी जमा राशि के ऊपर ब्याज मिलता है और करंट अकाउंट वह अकाउंट होता है जो रोज ट्रांजैक्शंस (transactions) के लिए इस्तेमाल होता है। आज लगभग हर परिवार में माता-पिता के साथ-साथ बच्चों के भी बैंक अकाउंट होते हैं क्योंकि स्कॉलरशिप , सैलरी आदि सभी के लिए ही आपको आपके बैंक अकाउंट नंबर की आवश्यकता पड़ती है। लोग पैसा बचाने के लिए सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं क्योंकि आपको इसमें ब्याज मिलने के साथ-साथ अन्य कहीं सुविधा भी मिलती हैं परंतु सेविंग अकाउंट में जमा राशि टैक्स फ्री नहीं है यह है आयकर विभाग(income tax) के कुछ नियम।


कब लगेगा टैक्स


हर व्यक्ति को अपना बैंक अकाउंट के नियमों के अनुसार मेंटेन(maintain) करना पड़ता है जैसे कि कई बैंक को में बैंक धारकों को मिनिमम बैलेंस(minimum balance)  मेंटेन करना पड़ता है वही कई बैंकों में मिनिमम बैलेंस मेंटेन (Minimum balance maintenance in banks) करने की आवश्यकता नहीं होती। इसी प्रकार सेविंग अकाउंट में राशि जमा करवाने की सिमा  तय नहीं होती। अगर आप सेविंग अकाउंट में आइटीआर(ITR) के दायरे में रहते हुए पैसे जमा करवाएं तो आपको सेविंग अकाउंट में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता , यदि आप उससे ज्यादा पैसे रखते हैं तो उसे पर मिलने वाले ब्याज पर आपको टैक्स (tax) देना पड़ेगा।


सेविंग अकाउंट पर टैक्स (Tax on savings account)


सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज(interest) भी आयकर विभाग के अनुसार सैलरी(salary) में ही आता है, इसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति की सालाना आए 10 लाख है और उससे उसे पर इंटरेस्ट मिल रहा है तो उसकी इनकम 10 लाख से ऊपर मानी जाएगी और आयकर अधिनियम के तहत यह इनकम टैक्सेबल(taxable) मानी जाती है जिसका अर्थ है कि अब उसे व्यक्ति को मिल रहे ब्याज पर टैक्स देना पड़ेगा।


इनकम टैक्स को दें सेविंग अकाउंट की जानकारी 


अगर कोई व्यक्ति अपने सेविंग अकाउंट में 1 साल में 10 लख रुपए या उससे ज्यादा कैश रखता है तो इनकम टैक्स के अनुसार उसे इसकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax department) को देनी पड़ेगी क्योंकि यदि उस व्यक्ति ने ऐसा नहीं किया तो यह टेक्स चोरी करने के रूप में उसे व्यक्ति पर कार्रवाई हो सकती है और उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। सेविंग अकाउंट में 10 लख रुपए रखना इनकम के रूप में देखा जाएगा तथा यह राशि टैक्सेबल(taxable) है।