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property rights: पति की संपत्ति पर पत्नी का कितना है अधिकार, जानिए कानून

property rights in hindi : विवाह एक ऐसा संस्कार है जो दो व्यक्ति या परिवारों को ही नहीं बल्कि दो दिलों को भी जोड़ता है इसीलिए भारत में शादी को पूरी धूमधाम व सारे रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है। शादी के बाद पति पत्नी अपनी सारी चीजों में खुशियों का साझा करते हैं, आईए जानते हैं इस खबर के माध्यम से की कानून के मुताबिक पत्नी का पति की संपत्ति (husband's property)पर कितना है अधिकार...

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property rights: पति की संपत्ति पर पत्नी का कितना है अधिकार, जानिए कानून

hrnewshub, digital disk : भारतीय संविधान (Indian Constitution) में महिलाओं को सामाजिक और साथ ही आर्थिक रूप से अनेकों अधिकार प्राप्त हैं जिनमें कइ संपत्ति से जुड़े हुए भी कई अधिकार (rights related to property) है। इसी के साथ एक पत्नी को भी अपने पति की संपत्ति (husband's property) पर अनेक प्रकार के अधिकार कानून रूप से प्राप्त होते हैं आईए जानते हैं इसके उपलक्ष्य में  कुछ धाराए जो एक पत्नी को मिलती है।

धारा 125 (Section 125)

धारा 125 यह सुनिश्चित करती है कि अगर किसी भी पत्नी को उसके पति के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक सुविधा नहीं मिलती, तो यह धारा उन स्त्रियों को कानूनी कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार देती है। जिससे उसे महिला का शोषण(Exploitation) नए हो उसके और साथ ही वह अपना बचा हुआ जीवन आराम पूर्वक बिता सके।

 

 

 

धारा 8(section 8)

शादी के बाद किसी भी पत्नी का हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम (Hindu Succession Act) धारा 8 के मुताबिक उसका उसकी पैतृक संपत्ति या उसके पति की संपत्ति पर तब तक कोई अधिकार नहीं होता जब तक उसके सास ससुर या उसका पति जीवित है। जब तक उसके साथ ससुर या उसका पति जीवित है उसे संपत्ति में कोई हिस्सा प्राप्त नहीं होता हालांकि उनकी मृत्यु के बाद संपत्ति पर उसका अधिकार (his right to property)   होता है जिसमें वह अपनी पैतृक संपत्ति में उसके पति का हिस्सा ले सकती है।

वसीयत (will)

जैसा कि हम जानते ही हैं कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम धारा 8 के तहत है किसी भी पत्नी का अपनी ससुराल में पैतृक संपत्ति है उसके पति की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है जब तक उसके साथ ससुर या उसका पति जीवित हो, इसके अलावा अगर उसके पति ने वसीयत किसी और के नाम लिखती हो तो भी उसकी पत्नी को संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं मिलेगा ना ही उसके जीवित रहते और नहीं उसके मरने के बाद, उसके पति के मृत्यु के बाद सारी संपत्ति का मालिकाना हक उसे व्यक्ति को होगा जिसके नाम उसके पति ने करने से पहले वसीयत लिखी है।